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भैया अगर हमारी पसंद का काम नहीं हो रहा है तो हम आपको चेंज कर देंगे


How Modi Is Killing India || How China, Russia and North Korea is Better then India 

Transcript:
(00:00) नेता लोग हमारा कुत्ता बना के नहीं रखते हम लोग नेताओं को कुत्ता बना के रखते हैं कि भैया अगर हमारी पसंद का काम नहीं किया तो 5 साल बाद उड़ा देंगे और इस कांसेप्ट के अंदर कुछ गलत भी नहीं है कि भैया अगर हमारी पसंद का काम नहीं हो रहा है तो हम आपको चेंज कर देंगे पर प्रॉब्लम इसमें है कि हमारी पसंद बहुत घटी है कोई अपनी पसंद से मेहनत करना चाहता नहीं है इनको रिजर्वेशन चाहिए पक्की बुकाई रोटी चाहिए टैक्स के पैसे के ऊपर राशन चाहिए टैक्स के पैसे के ऊपर बिजली चाहिए टैक्स के पैसे के ऊपर पानी चाहिए और टैक्स खुद को भरना नहीं है काबिलियत तो जनता की घुटनों में बसती है और अगर इनको काम करने के लिए बोल दोगे
(00:30) तो सरकार बदल देंगे इससे अच्छी तो चाइना जैसी डिक्टेटरशिप ही है कोई आदमी आके कान पकड़ के चार चांटे मार के आपसे काम तो करवा सकता है चाइना के अंदर डिक्टेटरशिप है इंडिया के अंदर फ्लोट डेमोक्रेसी है तो कौन सा कंट्री बेटर हुआ डेमोक्रेसी वाला बट अगर हम लोग नंबर्स के ऊपर ध्यान दें तो ये चीजें दिखती नहीं है अगर तुम लोग दूर से देखोगे तो तुम्हें लगेगा हां यार डेमोक्रेसी तो बढ़िया ही है बट पास से देखो कि डेमोक्रेसी के अंदर हमारे नेता को हमारे हर बंदे की चाटनी पड़ती है 1987 के अंदर इंडिया और चाइना की जीडीपी एकदम सेम थी इवन पर कैपिटा इनकम के अंदर तो हम लोग चाइना से आगे भी थे 1987 के अंदर चाइना का
(01:02) हर आदमी ₹340 कमाता था और इंडिया का हर आदमी ₹365 कमाता था ऑन एन एवरेज और अभी 2024 के अंदर इंडिया का ये रेश्यो बढ़ के हो चुका है ₹2,35,000 और चाइना का पता कहां पहुंच गया ₹1,90,000 अभी चाइना वाले डिक्टेटर भी है घटिया भी है फिर भी इंडिया से ज्यादा तेजी से ग्रो कर रहे हो और आगे निकल रहे हैं और वर्ल्ड में सुपर पावर बन रहे हैं ऐसा क्यों यह चीज समझने से पहले तुम्हें यह समझना पड़ेगा कि एक सरकार काम कैसे करती है एक सरकार का काम एक कंपनी के सीईओ के बराबर होता है अभी जैसे Google का सीईओ सुंदर पिचाई है और सुंदर पिचाई Google को
(01:35) ओन नहीं करता है google किसी और की कंपनी है सुंदर पिचाई बस जॉब करता है और उसका काम क्या है एज अ सीईओ कंपनी को लीड करना कंपनी के पास जो ऑलरेडी पैसा है उसको सही जगह पे इन्वेस्ट करना जिससे प्रॉफिट बनाया जा सके जो भी लोग उनकी कंपनी के अंदर काम कर रहे हैं उनको अच्छी सैलरी देना अच्छा लिविंग स्टैंडर्ड देना उनको अच्छी सेफ्टी देना अच्छा एनवायरमेंट देना अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर देना और अगर सुंदर बिछाई ये सारा काम कर रहे हैं तो उनको सीईओ बना के रखा जाएगा बट अगर वो किसी काम के अंदर लैग कर रहे हैं चाहे वो ग्रोथ हो चाहे वो
(02:00) इंफ्रास्ट्रक्चर हो चाहे वो सेफ्टी हो तो उनको रिप्लेस कर दिया जाएगा ऐसे ही सेम है हमारी सरकार के अंदर होता है हम लोग सरकार को अपना पैसा देते हैं टैक्स के फॉर्म के अंदर चाहे वो इनकम टैक्स हो गया चाहे वो जीएसटी हो गया या फिर वो कोई और टैक्स हो गया या फाइन हो गया अभी सरकार देश की मालिक नहीं है सरकार देश की नौकर है और उनका इतना काम है कि जो भी पैसा टैक्स और फाइन से आया हुआ है उसको बेस्ट वे से यूटिलाइज करना है जिससे कंपनी ग्रो हो सके जिससे देश ग्रो हो सके तो अगर आप लोग उस पैसे को बेस्ट वे से यूटिलाइज करने के लिए लोगों को सेफ्टी दे रहे हो इंफ्रास्ट्रक्चर दे रहे हो बाहर से एफडीए
(02:28) लेके आ रहे हो लोगों की इनकम बढ़ा रहे हो अच्छी जॉब्स क्रिएट कर रहे हो लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ रहा है लोगों के घर पे बिजली पानी और उनकी एजुकेशन का पूरा जुगाड़ कर रखा है तो लोग आपको दोबारा दोबारा चुनते रहेंगे बस आपको सिंपल सा काम करना है कि जनाब आपको अच्छा काम करना है बट एक कंपनी के अंदर और एक सरकार के अंदर ना एक बहुत बड़ा डिफरेंस है और वो है आपको चुनता कौन है google की कंपनी के अंदर 2 लाख एंप्लाइजज़ हैं पर एक भी एंप्लई के पास वोटिंग राइट नहीं है कोई भी एंप्लई आपको चुन के नहीं ला सकता कि भैया सुंदर सर
(02:53) अच्छा काम कर रहे हैं या फिर बुरा काम कर रहे हैं एक कमरे के अंदर 10 से 15 वेल एडुकेटेड लोग बैठेंगे सुंदर बिचाई की परफॉर्मेंस को मैप करेंगे और उसको आगे के लिए रिक्रूट करेंगे और ये जो 10 से 15 लोग हैं इनको पूरी समझ है कि एक कंपनी को कैसे चलाया जाता है क्या चीज एक कंपनी के लिए अच्छी है क्या चीज एक कंपनी के लिए बुरी है पर हमारे देश के अंदर क्या होगा हमारे देश के अंदर हर उस बंदे के पास वोटिंग राइट है जिसको वोटिंग का मतलब तक नहीं पता बिहार की हालत का सबसे बड़ा जिम्मेदार ना बिहारी लोग ही हैं आज की डेट में भी ये मंदबंद बुद्धि लोग जाते हैं और कास्ट के बेस के ऊपर वोट डाल के आ जाते हैं कुछ लोग
(03:21) धर्म पे वोट डाल रहे हैं जिनको धर्म और कास्ट से लेना देना नहीं है वो बुआ पी के वोट डाल रहे हैं अभी मान के चलो कि मैं एक शहर के अंदर रहता हूं जिसका नाम है यो अभी यो शहर के अंदर ना ही बिजली बढ़ी है और ना ही सड़कें बड़ी है एक एग्जांपल ले लो कि एक पॉलिटिकल पार्टी आती है जिसका नाम है ए और वो बोलते हैं कि भैया हम लोग बिजली का भी जुगाड़ कर देंगे हम लोग सड़क का भी जुगाड़ कर देंगे और हमारे पास पूरा प्लान है कि भैया इतना बजट है इतने बजट में से इतने बजट को यहां पे डिस्ट्रीब्यूट करेंगे और आपको सड़क और बिजली दे देंगे अभी दूसरी पार्टी आती है जिसका नाम है बी और वो आगे कहती है कि भैया हिंदू कितने और मुस्लिम
(03:50) कितने हैं लड़ो आपस में और अभी एक और पार्टी आती है जिसका नाम है सी और वो आगे कहती है कि भैया जाति जनगणना करवा दी जाए क्या मैं जिस शहर के अंदर रहता हूं मुझे कोई लेना देना नहीं है कि वहां कितने हिंदू रहते हैं वहां कितने मुस्लिम रहते हैं मुझे कोई लेना देना नहीं है वहां कितने जाट रहते हैं कितने पंजाबी रहते हैं मुझे सिर्फ इस चीज से लेना देना है कि मेरे घर के सामने वाली सड़क कब बनेगी और अभी मैं तुम लोगों को सही लग रहा होगा राइट पर प्रॉब्लम यह है कि सिर्फ मुझे ही इस चीज की परवाह है कि मेरे घर के सामने वाली सड़क कब बनेगी बट बाकी लोगों को इस चीज की परवाह है ही नहीं बाकी लोगों को यह
(04:18) परवा है कि भैया हमारी सोसाइटी में एक मुस्लिम कैसे रहता है या फिर बाकी लोग थोड़े से अनपढ़ है ना ही उनको वोट डालना आता है और ना ही उनको पता है कि किसको वोट डालने का है उन्होंने अपनी जाति वाला बंदा देखा और वोट डाल दिया या फिर इसमें से कुछ भी नहीं भैया अपना वोट बेच के आ गई ₹2000 के अंदर पआ मिल रहा था अभी क्योंकि हमने हर बंदे के हाथ में इक्वल राइट्स दे रखे हैं सरकार चुनने के तो सरकार हमेशा मेजॉरिटी के अकॉर्डिंग ही चुनी जाएगी तो अभी जो भी सरकार चुनी जाएगी वो सही काम नहीं करेगी वो वो काम करेगी जो मेजॉरिटी को चाहिए अभी अगर मेजॉरिटी को यह चाहिए कि भैया हिंदुओं को मारो तो हिंदू मरेंगे अगर
(04:47) मेजॉरिटी को यह चाहिए कि मुस्लिम को मारो तो मुस्लिम मरेंगे अगर मेजॉरिटी को यह चाहिए कि भैया दारू पिलाओ फ्री बिजली लाओ फ्री पानी लाओ तो वो फ्री में आएगा पर लोगों के अंदर इतनी बुद्धि नहीं है कि भैया जो फ्री चीजें मिल रही है वो आप ही के टैक्स के पैसे से मिल रही है अभी अगर मेरे देश के अंदर ऐसे हालात चल रहे हैं तो एज अ नेता मैं क्या चीज करूंगा मैं तो पावर में आना चाहता हूं तो मैं हर उस मुद्दे को उठाऊंगा जो जनता के लिए इंपॉर्टेंट है और जनता के लिए इंडिया में सिर्फ दो ही मुद्दे इंपॉर्टेंट है जिसमें से पहला मुद्दा है गरीबी और दूसरा मुद्दा है डिस्क्रिमिनेशन बट इन दोनों चीजों से हटके हमारा देश एक और चीज में पीछे है और
(05:17) वो है एंप्लॉयमेंट हर साल 1.5 मिलियन स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग करते हैं और उसके अंदर से सिर्फ 10% लोगों को जॉब मिलती है आज की डेट में एआई का जमाना है और हमारे टीचर्स को एआई पढ़ाना तो बहुत दूर की बात है खुद से चलाना तक नहीं आता है जिसका कंक्लूजन सिर्फ यही निकलता है कि इंजीनियर पास आउट होने के बाद भी एक बच्चे के पास सिर्फ उसकी डिग्री होती है और जॉब उसको कोई देता नहीं है क्योंकि कॉलेज के अंदर कोडिंग के नाम पे पहले 2 साल तो सिर्फ उसको थ्योरी पढ़ाई गई है और उसके बाद बेसिक कोड्स आजकल एआई का जमाना है और मार्केट के अंदर इसी गैप को देखते हुए मिराई स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजीस ने अपने एआई
(05:45) फर्स्ट टैक इंस्टट्यूट के अंदर कोडिंग जैसे पाइथन C++ जावा एंड एi टूल्स के रियल लाइफ प्रोजेक्ट्स बनाने सिखाए जाते हैं इनका बीटेक का प्रोग्राम एआईसीटीई अप्रूव्ड कॉलेज है जिसमें स्टूडेंट्स को इमेजिन कब जीएसओसी Facebook हैकर कब इस जैसे काफी सारे इवेंट्स के अंदर पार्टिसिपेट करने का एक्सपोज़र देते हैं और इनका फोकस यही है कि कैसे अपने करिकुलम को और ज्यादा बेटर बनाया जा सके और इनके करिकुलम को तुम लोग यहां पे स्क्रीन के ऊपर भी देख सकते हो इस एआई फर्स्ट प्रोग्राम के अंदर पार्टिसिपेट करने के लिए आपको एक मेंस टेस्ट देना होगा जो 5
(06:14) जुलाई 2025 को ऑनलाइन होगा और अप्लाई करने की लास्ट डेट 4 जुलाई की है अभी हम लोग पहले मुद्दे पे चलते हैं और उसको थोड़ा सा एक्सप्लेन करते हैं हमारी सरकार ने हमारे देश को पांच टुकड़ों के अंदर बांट रखा है जिसके अंदर से एक लोग आते हैं बिलो पॉवर्टी और एक आती है लोअर मिडिल क्लास सिर्फ इन दोनों तरह के लोगों की टोटल पपुलेशन 92% है मतलब इंडिया की 92% पापुलेशन या तो लोअर मिडिल क्लास है या फिर बिल्कुल गरीब है ग्रोटी भी अफोर्ड नहीं कर पाते और मिडिल क्लास अप्पर मिडिल क्लास और रिच के अंदर सिर्फ 8% आते हैं अभी जब ये दो लोग अलग-अलग कैटेगरीज के अंदर डिवाइड हो जाते हैं तो दोनों लोगों
(06:45) की अलग-अलग रिक्वायरमेंट है बट सरकार के पास स्पेंड करने के लिए बजट तो एक ही होता है और उसकी कैलकुलेशन को इजी रखने के लिए हम लोग अस्यूम कर लेते हैं कि टोटल बजट है ₹100 और अभी वो ₹100 पता है कहां से आए हैं ज्यादातर अमीरों से लिए गए हैं अभी तुम लोग बोलोगे भैया हम लोग भी तो जीएसटी भरते हैं ना मोबाइल से लेके कच्छे तक जो भी खरीदते हैं जीएसटी भरते हैं तो ऐसा थोड़ी है सिर्फ अमीर लोग जीएसटी भर रहे हैं हम लोग भी भर रहे हैं आप लोग भी जीएसटी भर रहे हो पर कंपेयर टू अ रिच गाय आप लोग कम जीएसटी भरते हो आप लोग कम टैक्स देते हो अगर आप लोगों ने मार्केट के अंदर जाके ₹100 का जूता लिया तो आपको 12% का
(07:13) टैक्स देना पड़ेगा क्योंकि शूज के ऊपर जीएसटी लगता है 12% बट अगर उसी जगह पे एक अमीर आदमी जाके जूता लेगा तो वो लेगा ₹10,000 का जूता और उसके ऊपर जीएसटी बनेगा ₹1200 राइट नहीं ₹1800 क्योंकि 12% जीएसटी का रेट सिर्फ गरीबों के लिए है अमीरों के लिए नहीं है अमीरों को 18% देना पड़ेगा जो भी जूते का प्राइस ₹1000 से ज्यादा जाएगा आपको 18% का जीएसटी लगेगा तो हमारा टैक्स सिस्टम प्लान ही ऐसे है कि अगर आप लोग रिच हो तो आपको पनिश किया जाएगा आपको लूटा जाएगा आपकी गलती है जनाब कि आप अमीर हो क्यों कर रहे हो मेहनत क्यों नहीं बैठे सरकार के पैसों के ऊपर क्यों नहीं सरकार
(07:44) से अनाज मांग के रोटी खा रहे हो पर ठीक है अगर कल को डिबेट होगी कि भैया ये तो अमीर लोग हैं इनको तो टैक्स देना ही चाहिए हो सकता है एक टाइम पे आप लोग जीत भी जाओ बट अगर अमीर आदमी टैक्स दे रहा है तो अमीर आदमी की जरूरतें भी तो पूरी होनी चाहिए ना अमीर को टैक्स देने में कोई दिक्कत थोड़ी है ना ही वह आदमी रोता है वो बस आके आपको एक चीज बोलते हैं कि भैया करप्शन थोड़ा सा कम कर दो क्योंकि जो भी मैं धंधा करता हूं ना मुझे पुलिस वालों को बहुत पैसा देना पड़ता है मेरे पास बिजली 24 घंटे आती रहे मेरे पास पानी सही टाइम पे आता रहे और मेरे को सेफ्टी देते रहो पैसा तो मैं खुद बना लूंगा और मेरे को एजुकेशन चाहिए टॉप
(08:11) क्लास क्योंकि मेरे को बच्चे पढ़ाने हैं अब ये सारी चीजें बनाने के लिए जो ₹100 का बजट है उसके अंदर से 40 से ₹50 स्पेंड हो जाएंगे तो क्या सरकार इसके अंदर से 40 से ₹50 स्पेंड करेगी आगे देखते हैं अभी आप लोग गरीब लोगों के पास जाओ और उनसे पूछो कि भैया आपकी क्या-क्या जरूरतें हैं तो वो आपको बोलते हैं भैया फ्री बिजली चाहिए हमको तो फ्री बिजली फ्री पानी फ्री एजुकेशन फ्री बस टिकटें और रेलवे को तो सस्ता करो भाई और अभी इतनी सारी चीजें फ्री करने के चक्कर में जो ₹100 हैं उसमें से ₹80 का बजट स्पेंड हो जाएगा तो क्या सरकार ₹100 के अंदर से ₹80 स्पेंड करके गरीबों को खुश करेगी अगर एक डिक्टेटर होता
(08:41) तो वो कभी भी नहीं करता क्योंकि डिक्टेटर का काम आपको फील गुड करवाना है ही नहीं ना एक डिक्टेटर होता तो वो आपको आके बोलता कि ठीक है यार आप लोग गरीब हो आपको फ्री में खाना चाहिए मेरे से मैं दूंगा पर आप लोग गरीब क्यों हो आप लोग पढ़े लिखे नहीं हो या फिर आप लोग काबिल नहीं हो कब तक गरीब रहने का इरादा है एक काम करो पढ़ना लिखना शुरू करो नई स्किल सीखो मैं हर उस आदमी को टैक्स के पैसे से फ्री रोटी दूंगा जो जो आदमी नई-नई चीजें सीख रहा है जो आदमी कोशिश कर रहा है कामयाब होने की जो आदमी कोशिश भी नहीं कर रहा ना उसको मैं रोटी ही
(09:06) नहीं दूंगा और ये सुनने में काफी फेयर लग रहा होगा यह बिल्कुल ऐसा लग रहा होगा जैसे आपके मां-बाप ने आपको पाला है आपके मां-बाप ने आपको पीट के प्यार करके जैसे तैसे करके पढ़ा दिया बचपन में तो आपको लगता होगा कि यार जबरदस्ती पढ़ा रहे हैं मैं तो क्रांति लाना चाहता हूं मैं तो पढ़ना ही नहीं चाहता पर अभी बड़े होकर समझ आ रहा है भाई पढ़ाई तो जरूरी है अभी तुम लोग सोचो कि अगर मैं बचपन में तुम्हें एक ऑप्शन दे देता कि तुम लोग हर 5 साल के अंदर अपनी मां को बदल सकते हो तो जो मां तुम्हें फोर्स कर रही है कि भैया पढ़ो और कामयाब हो और अपने पैरों के ऊपर खड़ा हो वो तुम्हारे हाथ में एक झुनझुना पकड़ा देगी भैया खेल तुम सारी जिंदगी वो झुनझुना
(09:35) बजाओगे और उससे खेलते रहोगे क्योंकि उस मां को पता है जिस दिन उसने तुम्हें पढ़ने के लिए बोल दिया ना तुमने रो देना है तुमने रो देना है और अपनी मां के खिलाफ हो जाना है और अपनी मां को बदल लेना है और यही चीज तो होती है डेमोक्रेसी के अंदर लोगों को इंस्टेंट फील गुड फैक्टर्स दिए जाते हैं कि भैया अगर मैं पावर के अंदर आ गया ना मैं आपको फ्री बिजली दे दूंगा ये नहीं बोला जाता कि भैया मेरे को 10 साल पावर के अंदर रखो आपको इतना काबिल बना दूंगा कि फ्री का कुछ मांगने की सारी जिंदगी जरूरत नहीं पड़ेगी आपके दिमाग में इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे आप लोग जिंदगी भर खोखले बन के रह जाते हो और वो इंजेक्शन आपको इसलिए दिए जाते हैं क्योंकि
(10:03) आप लोग ये दो हाथ जोड़ के इंजेक्शन मांगते हो आपको चाहिए टेंपरेरी और इजी सॉल्यूशन और जो सरकार उसको दे देती है आप लोग खुश हो जाते हो जो सरकार नहीं देती है आप लोग बदल देते हो अभी दिल्ली के अंदर इलेक्शन हुए केजरीवाल बढ़िया काम कर रहा था किसी घोटाले के अंदर पकड़ा गया पकड़ा गया क्या करें हमको पॉलिटिकल बात करनी नहीं है पर मुद्दा यह है कि केजरीवाल जो सर्विज लाया उसके दम पे उसको वोट नहीं मिले उसको वोट मिले फ्री बिजली बांट के फ्री पानी बांट के फ्री बस टिकटें करके गरीबों को लगता है कि भैया 200 यूनिट फ्री हो जाएगी केजरीवाल जीता दो अबे सरकार का काम तो टैक्स के पैसे को बेस्ट वे से फ्यूचर के लिए बड
(10:33) करके यूटिलाइज करना था ना यह खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए खर्चने पे क्यों लगी हुई है आप लोग इतने गरीबों कि आप लोग अमीरों से नफरत करते हो इंडिया इकलौता ऐसा देश है जिसके अंदर कामयाब लोगों से नफरत की जाती है कि देख कितना अमीर हो चुका है कितना करोड़पति बन चुका है कोई ना कोई घटिया काम करके ही हुआ होगा जरूर घोटाला किया होगा इसने बता रहा हूं मैं और ये चैंपे करने वाले ना वही लोग होते हैं जो अडानी के टैक्स के ऊपर फ्री रोटियां खा रहे होते हैं इंडिया के अंदर अगर पीएम मोदी और अंबानी एक जगह पे साथ खड़े हुए बात करते हुए दिख गए ना तो भैया वो नेशनल न्यूज़ बन जाती है कि भैया देखो कैसे
(11:02) बातें कर रहे हैं कैसे अंबानी को प्रमोट कर रहे हैं कैसे मोनोपोली ही बना रखी है और इस टाइप के एजेंडा को फॉर्म पता है कौन करते हैं कांग्रेस वाले कि भैया देखो ये ध्रुव राठी ने क्या वीडियो बना दी क्या ये रवश कुमार ने वीडियो बना दी कि कैसे अडानी के साथ खड़ा है मोदी अगर अंबानी के साथ नहीं खड़ा होगा तो किसके साथ खड़ा होगा तेरे साथ खड़ा होगा अंबानी हर साल ₹1600 करोड़ का कॉर्पोरेट टैक्स देता है अभी मैं जीएसटी की बात नहीं कर रहा हूं मैं इनकम टैक्स की बात नहीं कर रहा हूं सिर्फ और सिर्फ कॉर्पोरेट टैक्स देता है अंबानी ने 3.5 लाख लोगों को नौकरी दे रखी है 3.5 लाख
(11:31) लोगों का परिवार अंबानी की वजह से पल रहा है वो इंडियन इकॉनमी और जीडीपी के अंदर इतना ज्यादा सपोर्ट कर रहा है अगर मोदी उससे बात नहीं करेगा तो तेरे से करेगा क्या तेरा चाय सुटेगा ना नीचे वाली दुकान में बकाया पहले वो पे करके आ एक से 10 तारीख के बीच में तेरी आधे से ज्यादा सैलरी उड़ जाती है तेरा पर्सनल फाइनेंस हिला हुआ है तेरे से मोदी आगे क्या बात कर लेगा अडानी को सपोर्ट कर दिया अंबानी को सपोर्ट कर दिया ये सारी चीजें ना आपको इजी बहुत लगती है इसने भी आगे फैला दिया आप लोगों ने आगे बातें बढ़ा दी और ऐसा नहीं है सपोर्ट नहीं मिलता डेफिनेटली मिलता है और मिलता भी होगा और मिलना भी चाहिए जो आदमी इंडियन इकॉनमी को इतना ज्यादा सपोर्ट
(12:00) कर रहा है अगर उसके लिए थोड़ा बहुत फेवर कर भी दिया जाता है तो ठीक है कामयाबी को और एक बिजनेसमैन को इतना नेगेटिव वे से क्यों देखते हो इंडिया तो डेमोक्रेटिक है ना भाई यूएस के अंदर भी तो डेमोक्रेसी है वहां का जो प्रेसिडेंट है डोनाल्ड ट्रंप वो भी तो भाई धंधे वाला ही आदमी है प्रेसिडेंट बनने से पहले का एंटरप्रेन्योर है वो आदमी हजारों करोड़ों का मालिक है 10 से ज्यादा धंधे हैं उसके इंडिया के अंदर भी ट्रंप टावर के नाम से बिल्डिंग्स बिकती है उसके नाम की वो तो नेता होते हुए भी पॉलिटिक्स के अंदर आ गए और लोगों ने वोट भी इसलिए डाला है कि भैया खुद का धंधा इतना बढ़िया चला रहे हैं तो हमारा देश कितना बढ़िया चलाएगा और हमारे नेता लोग
(12:28) खुद को गरीब दिखा के रखते हैं चेक क्वालिटी सेट डाल के रखते हैं जिसका ट्रेंड 2008 के अंदर चला गया क्योंकि आप लोगों से रिलेटेबल भी तो लगना है जनाब तुम मुझे बताओ राहुल गांधी हो गया मोदी हो गया ममता बनर्जी हो गई या फिर अपना अरविंद केजरीवाल हो गया इनके पास पैसे नहीं है क्या करोड़ों रुपए है ना तो ये सुपर कार्स में घूम नहीं सकते क्या इतना पैसा कि बिना सोचे खरीद सकते हैं फिर भी खरीद नहीं सकते क्योंकि मजबूर है गरीबों से रिलेटिबिलिटी फैक्टर भी तो लाना है वोट भी तो मांगने हैं जनाब और लोग अमीरों को इतनी जल्दी क्रिटिसाइज पता है क्यों कर देते हैं क्योंकि आसान बहुत है कायरों का काम है ये
(12:55) भाई और मजाक से हटके अगर तुम ये वीडियो यहां तक देख रहे हो ना तो जो जो मैं बोल रहा हूं ना मेरे पीछे रिपीट करना मेरे देश के अंदर सारे नेता चोर हैं जैसे-जैसे बोल रहा हूं तुम्हें रिपीट करना है मैं दोबारा बोल रहा हूं मेरे देश के अंदर सारे नेता चोर हैं देश का सिस्टम खराब है और जो भी सरकारी नौकरी किसी भी आदमी को मिलती है वो पैसे देकर मिलती है मेरे पास किसी को देने के लिए पैसे हैं नहीं तो मेरी जॉब तो लगने से रही लो झाड़ दिया पल्ला सारा ब्लेम लगा दिया सरकार और सिस्टम के ऊपर अभी तुम्हें मेहनत करने की जरूरत ही नहीं है अब जा
(13:20) अपनी जाके PUBG खेलो और सुट्टा मार क्या सब कुछ अपने आप सही हो जाएगा काम करने की जरूरत नहीं है तुझे अब क्योंकि अब तेरे पास काम ना करने के लिए एक बहाना है और इन काय लोगों को दिमाग में रखते हुए सरकार अपने बजट को डिस्ट्रीब्यूट भी करेगी सरकार के पास टोटल टैक्स आया ₹100 का सबसे पहले सरकार अपना ₹20 का कट रखेगी क्योंकि भैया अगली बार भी तो इलेक्शन होने है ना हो सकता है आप लोग हटा दो कल को अगर इनकी तीन-चार पीढ़ियों के लिए नेताजी अगर पैसे ना जोड़ के जाए तो नेता बनने का फायदा क्या है तुम बताओ और दूसरा थोड़े एक्स्ट्रा पैसे भी रखने पड़ेंगे क्योंकि अगले इलेक्शन के अंदर भी तो दारू बांटनी है ना तो ₹100 के बजट में से ₹20 तो इनके
(13:50) पास आ गए अभी बचे हुए ₹80 का क्या करें ₹50 दे देते हैं गरीबों को हां मानता हूं ₹80 की रिक्वायरमेंट थी पर सारी थोड़ी पूरी होती है एक काम करो ₹50 का दे देते हैं सिर्फ पर ₹50 के अंदर फ्री बिजली फ्री पानी यह फ्री बसें फ्री मेट्रो जो भी चीजें पास हुई है ना उसके ऊपर ₹20 की एडवरटाइजमेंट करवा दो अभी एडवर्टाइजमेंट के अंदर पता है क्या होगा साइड में लिखी होगी योजना की नहीं शुरू क्या हुई है और योजना से बड़ी लगी होगी हमारी मोदी जी की फोटो आप लोग पेट्रोल पंप देख लो आप लोग बस की टिकटें देख लो आप लोग मेट्रो रेलवे की टिकटें देख लो देश के हर कोने-कोने के अंदर मोदी जी की फोटो है मोदी जी जो हमारे
(14:20) टैक्स के पैसों से स्टेडियम बनाते हैं उसको अपने नाम से बना देते हैं दिल्ली के अंदर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट है इंदिरा गांधी नाम क्यों है उसका हमारे देश में नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम है मोदी जी खिलाते हैं वहां पे बोलिंग जब मोदी जी ओपनिंग करने आएंगे या वो सारा पैसा मोदी जी ने लगाया मोदी जी ने कुछ नहीं किया मोदी जी बस उस टाइम पे पावर में थे जब ये चीज बनाई गई है और आपने अपने आप को इतना महान समझ लिया कि आपने खुद के नाम पे स्टेडियम या एयरपोर्ट के नाम रख दिए ये चीज हम सरकार से तब पूछेंगे जब हम लोग दारू के ऊपर वोट नहीं करेंगे अभी टैक्स के अंदर ₹90 सस्पेंड हो चुके हैं पर देश
(14:48) चलाने के लिए भी तो पैसे चाहिए जनाब मिलिट्री को फंड करना होगा कुछ इंपोर्ट करना होगा वैसे भी बेसिक चीजें चलानी होगी उसके लिए भी तो पैसे चाहिए ना तो ₹30 और लगेंगे और इस कैलकुलेशन का ग्रैंड टोटल आ रहा है ₹120 और टैक्स है सिर्फ ₹100 तो क्या करें लोन ले लेते हैं कोई भी सरकार खुद के पैन कार्ड पे थोड़ी लोन ले रही है इंडिया के नाम पे लोन ले रही है हमारे सिर के ऊपर लोन ले रही है भरते रहेंगे हम लोग आराम से बट अभी कुछ लोगों को लग रहा होगा चलो यार ₹30 तो हमारी ग्रोथ के ऊपर स्पेंड किए जा रहे हैं ना ₹30 तो ऐसे होंगे ना टोटल टैक्स में से जो इंफ्रास्ट्रक्चर के ऊपर स्पेंड हो रहे हैं धीरे-धीरे ऐसे ही ग्रो तो कर रहे हैं ना हम पर नहीं भाई अभी
(15:17) पीछे एक फोटो वायरल हुई थी जिसके अंदर पुल को ऐसे 90° का बना दिया था इफ आई एम नॉट रोंग 88 करोड़ का बना था वो पुल जैसे ही ये न्यूज़ वायरल हुई तो सरकार ने बोला यार यह तो गलत बन गया अभी क्या करना होगा तोड़ के दोबारा बनाना पड़ेगा ठीक है जी बनवाओ गलत बना था जरूर बनवाओ पर वो ₹88 करोड़ वापस करो ना मेरे मैंने तो सरकार को टैक्स की फॉर्म में विश्वास करके पैसा दिया था कि भैया मेरे टैक्स के पैसे से एक बढ़िया पुल बनेगा आपके आधे बनाए हुए पुल बारिश के अंदर गिर जाते हैं अंग्रेजों की बनाई बिल्डिंग आज तक खड़ी है आपकी बनाई हुई 4 साल में गिर रही है इतना घटिया क्वालिटी का मटेरियल लगा रहे हो भैया हम तो फुल
(15:47) अनपढ़ हैं ये चीज तो आपसे पूछेंगे ही नहीं बस इतना सा बेसिक तो बता दोगे ना कि भैया यह टेढ़ा पुल कैसे बना दिया और क्या आपने तब ध्यान नहीं दिया जब यह टेढ़ा पुल बनाया जा रहा था हम सब लोगों को जिन-जिन चीजों पे आवाज उठानी चाहिए उन हर चीज के ऊपर हमारी जीभ कट जाती है और ऐसा भी नहीं है कि हमारी सरकार के सारे ही डिसीजन गलत है सरकार कुछ-कुछ अच्छे डिसीजन लेने की कोशिश करती भी है पर उसमें हम हक देते हैं बीजेपी सरकार को मैं एक चीज पे प्रेज़ करता हूं कि उन्होंने कोविड के बीच में फार्मर्स बिल ले आए अभी फार्मर्स बिल जरूरी बहुत था पर उसके खिलाफ लोगों ने प्रोटेस्ट भी बहुत किया अभी इससे पहले कोई
(16:15) बंदा मुझे ध्रुव राठी की वीडियो देख के यह चीज बताने आए कि भैया फार्मर्स बिल बुरा क्यों था उससे पहले ये चीज सुन लो कि भैया जहां पे आंदोलन हो रहे थे ना मैं वहीं का हूं मैं अभी गुड़गांव के अंदर रहता हूं और पहले हरियाणा की किसी छोटी सिटी के अंदर रहता था और मेरे आसपास के सारे लोग फार्मर्स ही हैं और मेरे खुद के क्लासमेट्स थे जो फार्मर प्रोटेस्ट के अंदर प्रोटेस्ट कर रहे थे और मैंने जेन्युइनली उनको जाकर कंफ्रेंट किया और उनसे पूछा भाई कि यार मैंने तो बिल पढ़ा नहीं इसके अंदर गलत क्या है तो सामने से वो आदमी कहता है कि यार सरकार ना एमएसपी
(16:40) हटा रही है और हमारी जमीनें हड़पना चाहती है मैंने तो बिल पढ़ा नहीं था इतने सारे लोग पागल हो रखे थे मैंने मान ली भाई कि होगा यार अभी किसानों के ऊपर से एमएसपी हटाना तो गलत बात ही है ना भाई और ऐसे कैसे मोदी जमीन ले लेगा किसी की पर फिर जब थोड़ी सी बुद्धि आई तो बिल को पढ़ भी लिया मैंने बिल के अंदर तीन मेन चीजें थी डेफिनेटली एमएसपी को हटाया जा रहा है सेकंड आरतियों को खत्म किया जा रहा था यह मंडीज की पावर को कम किया जा रहा था थर्ड आपको फ्रीडम दी जा रही थी आप लोग अपनी क्रॉप्स को कहीं भी कभी भी बेच सकते हो और
(17:03) आपको एक बहुत अच्छा एडवांटेज दिया जा रहा था कि आप लोग अपनी क्रॉप्स को होल्ड भी कर सकते हो और इस चीज को पहले सरकार ने इललीगल कर रखा था और इस मुद्दे को समझो बहुत क्रेजी है अभी धंधा कैसे चलता है डिमांड और सप्लाई के ऊपर कि भैया जिस चीज की डिमांड ज्यादा है सप्लाई कम है उसके रेट हाई जाएंगे जिसकी सप्लाई ज्यादा है और डिमांड कम है उसके रेट लो जाएंगे करेक्ट तो सरकार ने पहले बोल रखा था कि भैया ये गेहूं हो गया चावल हो गए और ऐसे 21 आइटम्स और हैं इसको ना आपने बेसिक नेसेसिटी के अंदर डाला हुआ है तो अगर आप लोग इसको कभी भी होल्ड करते हो ना प्राइसेस को स्पाइक करने के लिए तो आप लोग कर नहीं सकते ये
(17:30) इललीगल है बट सरकार ने वो रूल हटा दिया सरकार ने बोला अगर फार्मर्स को कम प्राइस मिलता है ना एक काम करो अपनी क्रॉप्स को होल्ड कर लो बेचो ही मत मार्केट के अंदर कमी होगी प्राइस बढ़ेंगे फिर बेच देना कब तक सरकार की एमएसपी के ऊपर जिंदा रहोगे खुद से बिजनेस माइंडसेट बनाओ ना अभी एमएसपी क्या चीज है एमएसपी है मिनिमम सपोर्ट प्राइस पहले के टाइम पे क्या होता था फार्मर्स को एक्सप्लइट किया जाता था जो शायद आज भी किया जाता है कि भैया अगर गेहूं गाने पे ₹5 लगे हैं तो आप उसे ₹4 में खरीद रहे हैं आप कह रहे हो यार मेरी तो लागत पूरी नहीं हो रही मैं क्यों बेचूं ₹4 के अंदर पर आपको बेचना पड़ेगा आपके पास
(17:57) ऑप्शंस ही नहीं है ज्यादा तो सरकार ने बोला कि अगर आपकी ₹5 की लागत है ना तो ₹6 तो मेरे से ले जाना भाई मैं गारंटी दे रहा हूं आप बस उगाओ और ये चीज तब करी गई थी जब इंडिया के अंदर ग्रीन रेवोल्यूशन आया था 1966 के अंदर और ये चीज इसलिए करी गई थी कि भैया इंडिया के अंदर भुखमरी चल रही थी ज्यादा गेहूं था नहीं बाहर से इंपोर्ट कर लो इतना पैसा था नहीं तो सरकार ने अप्रिशिएट किया कि भैया घर में उगाना शुरू करो और सरकार ने बोला अगर आप लोग क्रॉप्स उगाओगे और उससे कोई भी पैसा कमाओगे तो हम लोग आपको टैक्स फ्री दे देंगे जितनी क्रॉप उगानी है उगाओ हम लोग आपको पेस्टिसाइड देंगे हम लोग आपको बढ़िया क्वालिटी की बीज
(18:26) लाके देंगे बढ़िया क्वालिटी की फसल ला के देंगे उससे जो पैसा कमाओगे वो भी तुम्हारा उस पे टैक्स भी नहीं चाहिए तो फिर हरियाणा पंजाब के ना किसान काफी अमीर हो गए थे इस प्रोसेस से और एक ग्रीन रेवोल्यूशन आया था पूरे देश के अंदर अभी हर देश की गवर्नमेंट ना इस टाइप की स्कीम्स चलाती रहती है एक या दो डेकेड्स के लिए अभी एक डेकेट के अंदर 10 साल होते हैं आपने एक डेकेट के लिए चलाया दो डेकेड के लिए चलाया तीन के लिए चलाया चार के लिए चलाया अभी आपको उसकी नीड नहीं है पहले इंडिया एक कृषि प्रधान देश था इंडिया पहले डिपेंडेड था फार्मिंग के ऊपर फिर 1990 के अंदर लिबरलाइजेशन आया और इंडिया का जो जीडीपी डिपेंडेड था
(18:54) फार्मिंग के ऊपर वो शिफ्ट हो गया अपनी मैन्युफैक्चरिंग के ऊपर और सॉफ्टवेयर्स के ऊपर अभी क्या हो रहा था सर्विज को एक्सपोर्ट करके इंडिया ज्यादा पैसा कमा रहा है एज कंपेयर टू फार्मर्स तो अभी एक अच्छी सरकार को क्या करना चाहिए जो इंडस्ट्री ग्रो कर रही है उसको पुश करना चाहिए उसके ऊपर और ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहिए और जो ग्रो नहीं कर रही है लोगों को बताओ भैया छोड़ दो जितनी आप लोग फसल उगा रहे हो उतनी की डिमांड ही नहीं है थोड़ा कम उगाया करो पर सरकार ऐसा बोल नहीं सकती क्योंकि जिस दिन सरकार ने ये चीज बोल दी कि भैया कम फसलें उगाओ उस दिन अनइंप्लॉयमेंट हो जाएगी अगर 10-12% लोगों
(19:19) ने खेती करनी छोड़ दी तो उनको जॉब कौन देगा क्योंकि उनको कुछ आता ही नहीं है बचपन से तो वो खेती करते आ रहे हैं तो सरकार अभी तक एमएसपी चलाती आ रही है अगर मैं तुम्हें चावलों का एग्जांपल दूं ना तो सरकार ₹23 से ज्यादा का खरीदती है और ₹2 या ₹3 का बेच देती है आगे क्योंकि एक तो उन्हें गरीबों को फीड करना होता है और दूसरा उन्होंने जुबान भी तो दे रखी है ना कि भैया आपको इतना मिनिमम सपोर्ट प्राइस तो मिलेगा ही मिलेगा आप बस खेती करो और यह चीज सरकार के लिए लॉस मेकिंग बहुत है भैया अगर मार्केट में डिमांड है तो बेच लो नहीं
(19:43) डिमांड तो मत बेचो क्या सारी जिंदगी के लिए सरकार के ऊपर बर्डन ही आ गया कि भैया आपको तो एमएसपी देनी ही पड़ेगी एमएसपी के अंदर 2023 के अंदर ₹2,28,000 करोड़ स्पेंड हुए थे टैक्स के पैसे के अभी सरकार चाहती थी कि भैया यह पैसा ना देना पड़े तो क्या कर रही थी फार्मर्स को काबिल बना रही थी कि भैया आप लोग खुद से डीलिंग करना शुरू करो अभी कुछ फार्मर्स को पता था यह सब कुछ को नहीं पता था कुछ अनएकेटेड थे कईयों को लग रहा था मोदी हमारी जमीनें खींच लेगा या जो भी करेगा पुल दबा के आंदोलन हुआ और इस कानून को पास नहीं होने दिया और अगर यही कोई डिक्टेटर होता ना यूं
(20:13) लाता कानून और फेंक के मुंह पे मारता कहता जो करना है कर लो मुझे कोई लेना देना नहीं है और ऐसा नहीं है इस कानून के आने से अगर एमएसपी नहीं दी जा रही तो किसानों का लॉस है किसान सारी जिंदगी सरकार पे डिपेंडेंट थोड़ी रह सकते हैं वो बोझ बनके थोड़ी जिएंगे इंडिया की 58% पपुलेशन सिर्फ और सिर्फ फार्मिंग के ऊपर डिपेंडेड है यह बोझ बनके थोड़ी रहेगी से देश थोड़ी आगे बढ़ सकता है फिर जिस देश की 58% पपुलेशन देश के ऊपर बोझ बन जाए वो देश कैसे आगे बढ़ेगा अगर देश को आगे बढ़ाना है तो प्रो पॉकेट नहीं सोचना होगा प्रो कंट्री सोचना होगा ना और तुम्हें ये तो बोल नहीं रहे कि भैया
(20:41) खेती करना बंद कर दो या फिर कमाना बंद कर दो खुद से डील करना शुरू करो खुद से थोड़े स्मार्ट हो जाओ एक किसान के पास इंडिया के अंदर ऑन एन एवरेज 1.1 हेक्टेयर जमीन है अभी उसके अंदर 1970 के अंदर एक किसान खेती करता था और बढ़िया पैसे बनाता था फिर क्या हुआ उसने शादी कर ली उसके बच्चे हो गए उसकी बीवी हो गई फिर उसके बच्चे बड़े हो गए और अभी पता है क्या हो रहा है उसी 1.
(20:59) 1 हेक्टेयर की जमीन के ऊपर एक बाप और दो बेटे मिलके खेती कर रहे हैं जिससे फसल आनी बढ़ी नहीं है क्योंकि भैया जमीन तो उतनी ही है और बल्कि कम उपजाऊ भी है हो सकता है फसल आनी कम भी हो गई हो तो अभी उसी जमीन के ऊपर तीन लोग काम कर रहे हैं और चार लोग डिपेंडेड है और फिर आप लोग कहते हो कि भैया किसानों की हालत खराब हो रही है हां भैया किसानों की हालत खराब हो रही है जहां पे एक बंदे के काम करने की जरूरत है वहां से एक बंदे के लायक ही इनकम जनरेट होती है तीन लोगों के लायक नहीं होती है अगर तीन लोग वहां पे काम कर रहे हैं तो वो वेलियां मार के आ रहे हो और इसको बोलते हैं डिसगाइस्ड अनइंप्लॉयमेंट और यह वर्ड मैं मन से नहीं बना रहा हूं भाई इकोनॉमिक्स का
(21:28) पार्ट है 12वीं क्लास में तो पढ़ाते भी है शायद और एग्जांपल भी पता है किसका दिया जाता है पढ़ाते टाइम फार्मर्स का सरकार हमारी बुक्स के अंदर पढ़ा रही है कि भैया किसान वेलियां मार के आ रहे हैं और उसके बदले हम किसान को क्या दे रही है कि भैया एक गारंटी कि आप लोग जो मर्जी उगाओ हम खरीदेंगे आपको कम पैसों के ऊपर ब्याज भी देंगे आपने अगर बढ़िया पैसा कमा लिया आपसे टैक्स भी नहीं लेंगे भैया ये तो प्रिविलेज दे रखी है ना उसके बाद भी अगर आप लोग उसको कैपिटलाइज नहीं कर पा रहे हो तो वो आपकी बिजनेस सेंस खराब है अगर आप तीन लोग एक बंदे के काम पे लगे हुए हो और एक्सपेक्ट कर रहे हो कि भैया तीन लोगों की इनकम जनरेट हो जाए तो मैथ किसका खराब है बट
(21:56) इंडिया के अंदर मुद्दा गरीबी से शुरू जरूर होता है पर खत्म नहीं होता है क्योंकि सेकंड पॉइंट जो आ जाता है वो आ जाता है डिस्क्रिमिनेशन इंडिया बना ही पाकिस्तान से अलग हो गया कि भैया हम मुस्लिम के साथ रह ही नहीं सकते हैं लोगों के मन के अंदर जहर घोला और उनके ऊपर राज किया और यही हमारी सरकार भी कर रही है ये आम आदमी पार्टी वाले आते हैं ये लोग कहते हैं भैया हम लोग तो फ्री में सामान दे देंगे इधर से बीजेपी वाले आते हैं और वो कहते हैं भैया हम तो प्रो हिंदू पार्टी है अभी वो कभी भी इसको ओपनली आके बोलते नहीं है कि भैया हम लोग प्रो हिंदू पार्टी हैं पर दिखता है भाई ये लोग राम मंदिर के ऊपर भी वोट लेते
(22:22) हैं और मुस्लिम के खिलाफ बोल के भी वोट लेते हैं तो कौन सी पार्टी बची कांग्रेस पार्टी बहुत बढ़िया लग रही है हिंदू मुस्लिम तो वो भी करना चाहते हैं पर उसका पेटेंट बीजेपी ने ले रखा है तो इनके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा तो ये लोग कास्टिज्म पे आ गए राहुल गांधी पिछले डेढ़ साल से पीछे पड़ा हुआ है भैया जाति जनगणना करवा दो जाति जनगणना करवा दो जाति जनगणना एक देश के अंदर कितनी इंपॉर्टेंट है एक एग्जांपल से बताता हूं आप लोग एक बहुत बड़े रेस्टोरेंट के अंदर गए आपके पास एक वेटर आता है और आपको बोलता है सर आप क्या खाना चाहोगे आप लोग कहते हो भाई एक आलू का परांठा ले आ गरम-गरम और साथ में ना मैंगो लस्सी ले आई वो कहता है ठीक है सर मैं अभी
(22:51) ला देता हूं पर एक चीज बताओ हमारे पास ना 11 शेफ है आप किससे खाना बनवाना चाहोगे आप जाके बोलोगे यार जो सबसे बढ़िया परांठा बनाता है उससे बनवा दे वो कहेगा यार सारे ही बढ़िया बनाते हैं आप बताओ किससे बनवाना है तो फिर आप जाके बोलते हैं कि भैया जिसके पास सबसे ज्यादा एक्सपीरियंस है परांठे बनाने का उससे बनवा दे अभी उसी सेम रेस्टोरेंट के अंदर राहुल गांधी जी जाते हैं वो जाके कहते हैं भैया मेरे लिए भी एक परांठा और एक लस्सी लगा दे फिटर कहता है भैया आप कौन से वाले शेफ से बनवाना चाहोगे राहुल गांधी जी कहते हैं पहले यह बताओ
(23:14) ओबीसी कितने एससी एसटी कितने और जाट कितने हैं इसके अंदर क्या कास्ट देख के आप लोग पराठे बनवाओगे कि भैया मैं तो ओबीसी के हाथ का ही खाऊंगा यार मैं तो जाट के हाथ का ही खाऊंगा या मेरे को तो पंजाबी आदमी चाहिए अगर आप लोग ओबीसी एससी एसटी कास्ट से हो ना तो आपको मेरी बातें शायद चुभ रही होंगी अभी आपको लग रहा होगा क्यों भाई हम लोग इक्वल नहीं है क्या आपको इक्वल राइट्स नहीं चाहिए क्या लो यार इक्वल राइट्स लो आप ये वीडियो देख पा रहे हो आपके पास मोबाइल फोन है ना आप पढ़ सकते हो उससे आपको एजुकेशन चाहिए आपको फ्री के क्रैक कोर्सेस मिल जाते हैं आपको पढ़ने के लिए
(23:39) सारा का सारा रॉ मटेरियल ऑनलाइन फ्री में मिल जाता है और कोई भी टेस्ट या एग्जाम देना है सरकार ने आपकी फीस बिल्कुल मिनिमल कर रखी है करो ना कॉम्पीट किसने मना किया आपको पर वो कंपटीशन के बीच में आती है एक रिजर्वेशन अभी रिजर्वेशन ना एक टाइम पे जरूरी बहुत थी कि भैया हमारे देश का एक तबका है जो बहुत ही नीचे और उनको उठाना होगा और उनको कैसे उठाया जाए उनको ना अनफेयर एडवांटेज दो जो लोग ऑलरेडी उठे हुए हैं ना उनको अगर कोई भी एग्जाम पास करना है ना उनको 700 नंबर चाहिए होंगे और जो थोड़े नीचे तबके के हैं ना उनको भैया 600 भी चलेगा आप लोग बस इनको जॉब्स देना शुरू करो और इनको थोड़ा सा अपलिफ्ट करो ठीक है
(24:07) भाई मेक सेंस अपलिफ्टिंग गेम शुरू हो गया अब कितने डेकेड्स तक चलाएं इसको एक डेकेड दो डेके तीन डेकेड कभी तो इस रिजर्वेशन सिस्टम को बंद करेंगे ना बिल्कुल कर ही नहीं सकते हो आपको कास्टिज्म के नाम पे वोट ही नहीं आएंगे बिहार के लिटरली लगे पड़े हो और आज की डेट में भी उसके अंदर वोटिंग कास्ट के नाम पे होती है सबसे बड़ा मुद्दा उनका है एजुकेशन है रोटी है भुखमरी है लाइट है और वोट डाल के आ जाएंगे वो लोग कास्टिज्म के ऊपर कि भैया मेरी जात का आदमी खड़ा हुआ है दबा देता हूं बटन क्या पता कुछ बढ़िया हो जाए क्या ही बढ़िया हो जाएगा रात को तेरे सपने में परी आएगी तेरे को पआ देके जाएगी आज की डेट में हमारे देश
(24:37) में ना रिजर्वेशन कोटे को भी एक्सप्लइट किया जा रहा है मेरे ना स्कूल टाइम के अंदर दो दोस्त थे और वो ना मेरे से पढ़ने के अंदर काफी वीक थे और आज की डेट में वो लोग गवर्नमेंट जॉब कर रहे हैं क्योंकि वो एससी एसटी कोटे के अंदर आते थे अभी पढ़ाई में भी वीक थे एससी एसटी भी थे तो उनको जॉब मिल गई कोई गलत बात थोड़ी है है भाई गलत बात क्योंकि वो लोग एससी एसटी थे पर गरीब नहीं थे उनके मां-बाप को भी जॉब मिली हुई थी और वो भी सरकारी और उसके बाप की सैलरी ₹1 लाख से ज्यादा है जब भी हम लोग बैठ के डिस्कशन कर रहे होते थे ना कि भैया
(25:00) फ्यूचर में आगे करना क्या है वो बोलता था भैया मेरा तो सेट है हमें तो सरकारी नौकरी मिल ही जानी है और जनरल कैटेगरी के अंदर मैं रो रहा होता था कि भैया मेरे को तो सरकारी नौकरी भी नहीं मिलनी कहां हाथ पैर मारू तो ये रिजर्वेशन जो लाई गई है वो लोगों को अपलिफ्ट करने के लिए लाई गई है अपलिफ्टेड लोगों को और ज्यादा अपलिफ्ट करने के लिए नहीं लाई गई है अपलिफ्टेड लोगों को अनफेयर एडवांटेज देने के लिए यह रिजर्वेशन नहीं लाई गई है और अगर इसको हटाने की या इसमें चेंजेस करने की कोशिश करोगे भैया आपकी सरकार गई कोई एक फालतू बंदा खड़ा हो जाएगा भैया यह सरकार हमारी जात के खिलाफ है हमें वोट दो हमें जिताओ
(25:28) हम आपका सपोर्ट करेंगे सारे के सारे ले बटन अभी कुछ टाइम पहले यूएसए ने दो प्लेन भर के इंडियंस को इंडिया के अंदर वापस फेंक के हिला के हथकड़ियां पहना के लेके आए थे और उसका रीज़न पता है क्या था वो लोग अमेरिका के अंदर इललीगल इमीग्रेंट्स थे या फिर वो लोग गए थे पासपोर्ट के ऊपर और अपना पासपोर्ट फाड़ के वहीं बैठ गए जब उनको वापस रिटर्न करना था उन्होंने रिटर्न ही नहीं किया तो ट्रंप सरकार ने क्या किया उन लोगों को ढूंढा और प्लेन में भर के इंडिया छोड़ के गए हैं वापस और उसका बहुत सिंपल सा रीज़न है कि भैया इंडियंस वहां पे इललीगली रह रहे हैं वहां की सड़कें वहां का पानी वहां की हवा का यूज कर रहे हैं और वो
(25:58) सारी चीजों को अच्छे से मेंटेन करने के लिए वहां की यूएस के लोगों ने टैक्स दिया है तो आप लोग किसी और के टैक्स के पैसे के ऊपर ऐश कर रहे थे व्हिच इज नॉट फेयर तो ट्रंप ने आपको ला के इंडिया में पटक दिया इसमें कुछ गलत है कुछ भी गलत नहीं है ना इसके अंदर बस जुबान पे रहना अपनी जब मैं इंडिया की कहानी बताऊंगा तो इंडिया में दो काले कानून आए सीएए और एनआरसी अभी काला कानून इनको मैं नहीं बोल रहा हूं उन लोगों ने बहुत बोला है अभी एनआरसी के अंदर क्या था कि भैया हम लोग एक लिस्ट बनाएंगे कि भैया कौन-कौन लोग इंडिया के अंदर कब से रह
(26:21) रहे हैं जो भी लोग इंडिया के अंदर बाद में आए हैं उनको निकाल देंगे जो भी लोग इंडिया के अंदर पहले से रह रहे हैं भैया ये तुम्हारा देश है अच्छे से रहो काफी सारी न्यूज़ आ रही थी कि भैया पाकिस्तान से मुस्लिम आ चुके हैं अफगानिस्तान से मुस्लिम आ चुके हैं या फिर बांग्लादेश से काफी सारे लोग भाग के वेस्ट बंगाल के थ्रू इंडिया के अंदर घुस चुके हैं और अभी पूरे देश के अंदर रह रहे हैं हमारे पास इतना पैसा तो है नहीं कि अपने लोगों को रोटी खिला सके तो यह बाहर वाले लोगों को कौन रोटी देगा तो फेयर डील है ना कि भैया इनको आइडेंटिफाई करो इनको देश से निकाल लो पर किसी को देश से निकालना इंडिया के अंदर तो बहुत बड़ी बात है और एक और कानून लाया
(26:49) जिसका नाम था सीएए और इस कानून के अंदर क्या था कि भैया अगर आप लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले के इंडिया के अंदर रहते हो ना तो आप लोग इंडियन हो चाहे आप लोग बाहर से आए हो चाहे आप लोग बांग्लादेशी हो चाहे पाकिस्तानी हो चाहे अफगानिस्तानी हो आप लोग कहीं से भी आए हो आप लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले के रह रहे हो तो अब ये आपका देश है हम लोग आपको नागरिकता दे देंगे पर नागरिकता पता है किस बेसिस पे देंगे धर्म के बेसिस के ऊपर अगर आप लोग हिंदू जैन सिख बुद्ध और ऐसे छह धर्म इन्होंने फिल्टर करे थे अगर आप लोग इन धर्म से हो ना तो आपको नागरिकता दे देंगे अदरवाइज नहीं देंगे निकाल देंगे और ये चीज देने के पीछे ना एक
(27:20) बहुत ही लॉजिकल आर्गुमेंट था कि भैया हिंदू हो गए या फिर सिख हो गए ना इनको पाकिस्तान या बांग्लादेश के अंदर ना प्रताड़ित किया जाता है इनके साथ डिस्क्रिमिनेशन किया जाता है तो हम लोग इनको इंडिया के अंदर शेल्टर देंगे पर मुस्लिम्स को नहीं देंगे ना एथिस्ट को देंगे ना एक दो धर्म और है उनको देंगे और मुस्लिम्स को क्यों नहीं देंगे उसके पीछे बहुत क्लियर रीज़न है कि भैया बांग्लादेश भी मुस्लिम का है पाकिस्तान भी यूनिक है अफगानिस्तान भी यूनिक है तो भैया अपने देश चले जाओ सुनने में बहुत लॉजिकल लग रहा होगा पर प्रॉब्लमिक है और इसमें प्रॉब्लमैटिक यह है कि भैया आप लोग धर्म के बेस के ऊपर कानून बना ही नहीं सकते हो इंडिया के कॉन्स्टिट्यूशन के अंदर लिखा
(27:48) गया है कि भैया रंग रूप जात कास्ट इनके बेसिस के ऊपर डिस्क्रिमिनेशन नहीं होगा धर्म के बेसिस के ऊपर डिस्क्रिमिनेशन नहीं होगा इंडिया तो सेकुलर कंट्री है ना बगल में चाहे कोई भी कंट्री आती हो चाहे वो मुस्लिम हो चाहे वो क्रिश्चियन कंट्री हो आपको उससे लेना देना ही क्या है हम लोग तो सेकुलर है ना भाई तो हमारे कानून तो उसी के अकॉर्डिंग बनेंगे पर ये जो कानून था ना ये थोड़ा सा एंटी मुस्लिम कैंपेन लग रहा था जिसका रीज़न बहुत क्लियर है कि भैया बीजेपी वाले प्रो हिंदू हैं तो मे बी इनके माइंड में होगा कि अननेसेसरी जो भी बाद में मुस्लिम आए हैं उनको निकाल देंगे जो भी लिमिटेड मुस्लिम है वो लोग तो हमको वैसे ही वोट नहीं करते तो हमारा वोट बैंक
(28:17) थोड़ा सा इंप्रूव हो जाएगा और ये मेरी पर्सनल एजम्पशन है ये कोई डाटा में कोटेड नहीं है अभी प्रॉब्लमेटिक बात क्या है ये समझो आप लोग मुस्लिम और एथिस्ट को नागरिकता नहीं दे रहे ठीक है गलत कर रहे हो देश के अंदर दंगे हो रहे हैं राइट्स हो रहे हैं तो इसी मुद्दे पे होने चाहिए ना उनका स्लोगन पता है क्या था हम लोग कागज नहीं दिखाएंगे क्यों नहीं दिखाओगे कागज आपसे कागज मांगे जा रहे थे एनआरसी के अंदर प्रॉब्लम है सीएए के अंदर आप लोग सीएए की प्रॉब्लम को फिगर आउट ही नहीं कर रहे हो आप लोग एनआरसी के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हो क्यों रवश कुमार हो गया ध्रुव राठी हो गया इस टाइप के कंटेंट क्रिएटर्स भरे पड़े
(28:46) हैं हर चीज का प्रोपोगेंडा फैलाने के लिए कि भैया फॉर्मर प्रोटेस्ट क्यों गलत है सरकार ने यह चीज बोली है पर यह करेंगे हमें पहले से पता है जब यूएस ने डिपोर्ट किया था इंडियंस को तो बोल रहे थे भैया मोदी की फौरन नीति खराब हो गई है जब इंडिया डिपोर्ट करने वाला है दूसरे लोगों को तो कह रहे हैं कि मोदी का दिमाग खराब हो गया है और हमारी मेन स्ट्रीम मीडिया जो मर्जी मोदी जनाब कर दे उनकी चाटते ही रहते हैं हमारे देश के अंदर लोग इतने ज्यादा अनएडुकेटेड है कि भैया अगर किसी चीज में प्रॉब्लम है भी और उसके ऊपर प्रोटेस्ट कर भी रहे हैं ना तो गलत चीज पे करके आ जाते हैं लोगों को समझ ही नहीं है भीड़ का
(29:16) हिस्सा बने हुए हैं और यह जो मुस्लिम फैक्टर को अलग से ऐड किया गया था ना इसका बहुत प्योर रीज़न है कि भैया आपको वोट ज्यादा चाहिए आपको अपने वोट बैंक को इंप्रूव करना है और अगर यहीं पे डिक्टेटरशिप होती ना वोट बैंक का गेम ही नहीं आता सीधा एनआरसी आती है कितने मर्जी प्रोटेस्ट हो रहे होते भैया लोगों को उठाते ही डिपोर्ट कर देते अगर डेमोक्रेसी है तो एडुकेटेड लोग होने चाहिए जैसे यूएस के अंदर नहीं तो भैया डिक्टेटरशिप ही बढ़िया है और अभी तुम्हें लगेगा यार डिक्टेटरशिप में नॉर्थ कोरिया को देखो वहां चला जाए वो पसंद है तो दुबई भी तो डिक्टेटरशिप के अंदर ही है ना रशिया भी तो डिक्टेटरशिप के अंदर ही है ना हर देश
(29:45) नॉर्थ कोरिया नहीं है दुबई तो लोगों की एस्पिरेशन है भाई लोग वहां पे बसना चाहते हैं और वहां पे भी डिक्टेटरशिप है तो अगर डिक्टेटर अच्छा हो ना तो वो देश संभाल लेता है लोग यहां से खोखले बुद्धि नहीं है कहते हैं भैया जीएसटी बढ़ गया मोदी चोर है अरे जीएसटी डिपार्टमेंट मोदी जी के अंदर आता ही नहीं है निर्मला दीदी देखती है उसको तुम्हारे घर की बाहर की सड़क टूटी है तुम कहते हो भैया मोदी चोर है अरे भैया वो नितिन गडकरी सर देखते हैं पुलिस करप्शन कर रही है तो आप कहते हो मोदी चोर है अरे वो अमित शाह के अंडर आता है हर किसी की अपनी-अपनी मिनिस्ट्री है और लोगों को यह भी नहीं पता कौन करता क्या है और फिर हम
(30:15) लोग आगे बोल देते हैं कि भैया मोदी चोर है और इस चीज से ओवरकम करने का सशन ना डिक्टेटरशिप को लाना नहीं है मैं डिक्टेटरशिप से इसको इसलिए कंपेयर कर रहा था कि मैं तुम्हें यह चीज रियलाइज करवा पाऊं कि जहां पे हम लोग स्टैंड करते हैं उससे अच्छी तो डिक्टेटरशिप ही है भाई बट एक अच्छी डेमोक्रेसी डिक्टेटरशिप से भी ज्यादा बेटर होगी अगर हमें इन सारी चीजों को ओवरकम करना है तो हमें थोड़ा सा मेहनत ज्यादा करना होगा भाई हमें एक फेस को देख के वोट डालना बंद करना होगा हम एक पार्टी को जीताते हैं और वो उसके अंदर अपना होम मिनिस्टर फाइनेंस मिनिस्टर डिफेंस मिनिस्टर चुनते हैं उसकी पावर भी हमारे
(30:42) पास होनी चाहिए अगर कॉन्स्टिट्यूशन थोड़ा सा बदलेगा अगर वोटिंग राइट्स थोड़े से बदलेंगे तो हमें ज्यादा फ्रीडम मिलेगी अपने नेता चुनने की हमें कौन सा फॉरेन अफेयर मिनिस्टर चाहिए हमें कौन सा डिफेंस मिनिस्टर चाहिए कौन सा फाइनेंस मिनिस्टर चाहिए यह चीज हमें चुननी चाहिए और इलेक्शन 5 साल में नहीं हर एक साल के अंदर होने चाहिए जिसके अंदर वह हर साल के एंड में आपको आगे यह चीज बता रहे होंगे कि उन्होंने इस साल कितना पैसा किस जगह पर इन्वेस्ट किया और क्या-क्या बना है अगर नितिन गडकरी सर ने पुल बनाया है तो वो पुल के ऊपर कितना पैसा खर्च हुआ और वो गिर क्यों गया है अगर आपने एक साल में जो पुल
(31:11) बनाया था वो गिर गया तो भैया आप हटो कोई और बंदा आ रहा है जो उसके ऊपर रिसर्च करके बोल रहा है कि भैया मेरे को नेता बनाओ मैं अगली बार बढ़िया पुल बनाऊंगा जो बढ़िया पुल बना रहा है बढ़िया सड़कें बना रहा है हम लोग उसको बनाएंगे रोड मिनिस्टर जो फॉरेन के अंदर हमारी एक अच्छी गुडविल बना के आ रहा है हम उसको बनाएंगे फॉरेन अफेयर मिनिस्टर जो पूरे देश को अच्छे से चला पा रहा है एक डोमिनेटिंग बिहेवियर रखता है हम उसको बनाएंगे प्रधानमंत्री और जब आप लोग हर साल इलेक्शन कर रहे हो ना तो इसको एक 6 महीने का त्यौहार बनाने की कोई जरूरत नहीं
(31:34) है एक ऐसी फिक्स डेट होनी चाहिए कि भैया सबको पता है कि साल खत्म होने वाला है तो मतलब इलेक्शन होने वाले हैं आपके पास एक से 5 तारीख का टाइम है आप लोग कभी भी जाके अपने नियरेस्ट वोटिंग स्टेशन के अंदर जाके हर किसी के लिए वोट करके आ सकते हो 10 से 12 15 जितनी भी मिनिस्ट्रीज है आपको हर किसी की नॉलेज होनी चाहिए आपको सिखाया होना चाहिए सरकार ने कि क्या-क्या चीजें देख के वोट डालना है इंस्टेंट रिजल्ट नहीं देखने हैं भाई कि अभी फ्री बिजली मिल रही है या नहीं मिल रही है आपकी एजुकेशन इंप्रूव हुई है या फिर नहीं हुई है आपके फ्यूचर में बीड कैसे करना है यह जनता को बताना चाहिए हमने हमारे देश में लोगों को
(32:02) यह बताया कि साला टट्टी कहां करके आनी है हमको यह भी बताना चाहिए कि वोट क्या सोच के क्या देख के डालना चाहिए और यह रातोंरात से ये नहीं होगा इसमें डेकेड्स लग जाएंगे फिर से पर 20 साल 30 साल 40 साल बाद कहीं भी जाके तो इंडिया स्टेबल होगा कभी तो बुद्धि आएगी कि ठीक है भैया क्या देख के वोट डालूं आज की डेट में नेता इसके ऊपर फोकस करता है कि आपको क्या घटिया चीज पसंद है बाद में नेता यह फोकस कर रहा होगा कि फ्यूचर के लिए क्या बढ़िया है हमको एक विज़नरी नेता चाहिए एक ऐसा आदमी नहीं चाहिए जो चीजों को ऑब्जर्व अच्छे से करे और आप लोगों को आप ही की चीजें परोस दे नेता के
(32:31) पास टैक्स का कितना पैसा आया था कहां खर्च हुआ कहां पे जला कितना बचा क्या उसका यूटिलाइजेशन है क्या आरओ आएगी क्या रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट आएगी ये सारी चीजों के चार्ट बना के नेता को हमें देना चाहिए ये उसका काम है ना भाई वो जॉब कर रहा है तुम कहीं पे जाके जॉब करते हो जो पीपीटी बना के देते हो ना हर प्रोजेक्ट की उसने पूरा साल एक प्रोजेक्ट किया बना के दे पीपीटी हम ही तो देखे भैया कि 10 कि.
(32:54) मी की रोड पे पहले तो 10 करोड़ लगे थे अब 20 करोड़ कैसे लग गए डबल कैसे हो गया प्राइस तो कोई और सामने आके बोलने वाला तो बनेगा ना कि भैया ये 10 कि.मी की रोड में 5 करोड़ में बनवा दूंगा क्वालिटी भी अच्छी होगी बस एक बार वोट डाल के देखो कम से कम ये चीज की तो समझ होगी कि भैया किस चीज के ऊपर वोट करना है और अगर यह सिस्टम गलती से भी इंप्लीमेंट हो गया ना भाई तो लोगों की शक्ल देख के वोट नहीं होगा काम देख के वोट होगा तो मैं यह वीडियो बस बनाना चाहता था मुझे नहीं पता अगर मैंने इस वीडियो के अंदर कुछ भी गलत बोल दिया गलती से तो आई एम सो सॉरी फॉर दैट मेरे दिल के अंदर एक भड़ास थी जो मेरे को था कि मेरे को निकालनी है क्योंकि मेरे पास एक प्लेटफार्म है बस मुझे एक फीलिंग आई कि शायद मैं इतना काबिल हूं कि मैं लोगों को दो-चार चीजें एजुकेट कर सकता हूं और ये
(33:24) चीजें बता सकता हूं जो मेरे दिल के अंदर है अब यह सही है गलत है मुझे नहीं पता पर मेरे लिए यह अभी के टाइम पे जिस भी ऐज के अंदर मैं हूं मुझे यह 100% सेंसिबल लग रही है तभी मैंने इस वीडियो के अंदर बोला है मीरा स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजीस के टेस्ट का लिंक डिस्क्रिप्शन में और पिन कमेंट में मिल जाएगा अगर तुम लोग एक्सप्लोर करना चाहते हो तो जाके जरूर से चेक आउट करना

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